तजियती नशिस्त (श्रद्धांजलि सभा) में
स्वर्गीय शब्बीर अहमद खिलजी (भाईजान) को किया गया याद
जोधपुर 20 अक्टूबर। स्वर्गीय शब्बीर भाईजान पति-पत्नि व रिश्तेदारों में सुलह करवाते थे, वे हिन्दु-मुस्लिम के बीच कौमी एकता व सद्भावना को बढावा देते थे, वे बेवाओं, यतीमों की मदद करते थे। वे हर धर्म के गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए लगातार कोशिश करते रहते थे। वे इंसानियत (मानवता) का संदेश आधारित सर्वधर्म सद्भाव कार्यक्रम करवाते रहते थे।
ये विचार मारवाड़ मुस्लिम एज्यूकेशनल एण्ड वेलफेयर सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय शब्बीर अहमद खिलजी उर्फ भाईजान की याद में मौलाना आजाद कैम्पस के बापू अब्दुल रहमान हॉल में रविवार को आयोजित हुई ताजियती नशिस्त (श्रद्धांजलि सभा) में शहर के कई गणमान्य लोगों ने पेश किये।
मुख्य रूप से इजहारें ताजियत (श्रद्धांजलि रूपी विचार) में पूर्व राजस्थान वक्फ बोर्ड के चैयरमेन, डॉ गुलाम रब्बानी, एडवोकेट रिडमल खां मेहर, यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार पूर्व आरएएस अनवर अली खान, शहर काजी सय्यद वाहिद अली, पूर्व पार्षद आजम जोधपुरी, हाजी मोहम्मद इस्हाक, पुष्टिकर सोसायटी के सीईओ अमरचंद पुरोहित, जितेन्द्र खत्री, मनीष माथुर, डॉ अब्दुल्लाह खालिदसहित सभी ने शब्बीर भाईजान को मुसलमानों का ही नहीं बल्कि छत्तीस कौमों का मददगार व अच्छी सलाह देने वाला बताया। सोसायटी के अध्यक्ष हाजी अबादुल्लाह कुरैशी की ओर से लिखित खिराजे अकीदत एडवोकेट रिडमल खां ने पढी।
मौलाना आज़ाद यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष पद्मश्री अख्तरूल वासे ने कहा कि शब्बीर भाईजान के लिए सच्ची खिराज ए अकीदत (श्रद्धांजलि) ये है कि उनके शुरू किये हुये कामों को आगे बढ़ाया जाये। मौलाना आज़ाद यूनिवर्सिटी व मारवाड़ मुस्लिम एज्यूकेषनल एण्ड वेलफेयर सोसायटी से जुड़े सभी शैक्षिक व कल्याणकारी संस्थाओं के विकास व प्रगति के लिए हम भी भाईजान की तरह दिन-रात निःस्वार्थ भाव से सेवा करें और इसे नई बुलंदिया प्रदान करें।
सोसायटी के पूर्व महासचिव मोहम्मद अतीक ने बताया कि 40 वर्षो से शब्बीर भाईजान सोसायटी की तरक्क़ी के लिये जद्दोजहद करते रहे और स्कूल सेयूनिवर्सिटी तक का सफर तय करते हुये 32 शैक्षिक व कल्याणकारी संस्थानो की स्थापना में भाईजान की अहम भूमिका रही।
पूर्व में तिलावते कुरान मुफ्ती मोहम्मद यूनुस ने पढा। मंजूम खिराजे अकीदत शाहिद हुसैन नदवीने खुबसूरत अंदाज में पेश की। सोसायटी के जनरल सेक्रेट्री निसार अहमद खिलजी ने सभी का शुक्रिया अदा किया।
संचालन शाहिद हुसैन नदवी ने किया। श्रद्धांजलि की इसी कड़ी में शनिवार को सोसायटी के अधीन संचालित सभी शैक्षिक संस्थानों व यूनिवर्सिटी में छात्र-छात्राओं व शिक्षकगणों ने भाईजान कास्वर्ग प्राप्ती व उनके घर वालों को सब्र (सम्बल) के लिए सामुहिक रूप से दुआएं की।
श्रद्धांजलि सभा में जयपुर से पधारें मित्रगण, फजलुर्रहमान, हनीफ लोहानी, मोहम्मद इस्माईल, उस्ताद हमीम बक्ष, फिरोज काजी, मोहम्मद साबिर, आबिद कुरैशी, जकी अहदम, नौशाद अली, डॉ आदम सिसोदिया, षिक्षाविद् अरविन्दजी, शौकत लोहिया, एडवोकेटअहमद हुसैन भूरट, रजब अली, आमीन मोदी, डॉ सपना सिंह राठौड़, मुजीब अहमद काजी, इंतिखाब आलम, शमीम शेख, जेबा नाज, फरजाना चौहान, मोहम्मद अरशद, मोहम्मद अतीक सिद्दीकी, अयाज अहमद, मोहम्मद सादिक फारूकी, रूसतम खान, जुगनू खान मेहर, रिजवान अली, हिन्दु-मुस्लिम सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोग, धर्मगुरू, शिक्षाविद्, जनप्रतिनिधिगण, परिवारजन एवं सोसायटी से जुड़े समस्त शिक्षकगण एवं स्टाफगण मौजूद रहे।